बड्डी में मेरा सफ़र

मै अंजना वर्मा, गया जिला से हूँ। आज मै आप सभी के साथ अपने जीवन का एक अनमोल अनुभव साझा करना चाहती हूँ, जो मेरे लिए बहुत ही खास है। मै 2020 से 2022 तक एडू लीडर के फेल्लोशिप कर चूका हुआ, उसके बाद मै मत्री प्रोजेक्ट में काम कर रही थी। जब वह प्रोजेक्ट समाप्त हुआ, मै घर पे ही रहती थी। 02/09/2024  मुझे श्रृंखला दीदी का फोन आया । उन्होंने बताया की मै “बड्डी” के लिए चुन ली गई हूँ और 03/09/2024 से मुझे ऑफिस आना है। यह सुन कर मै बेहद खुश हुई। मुझे लगा की चार साल बाद मुझे “बड्डी” में काम करने का सुनहरा अवसर मिला हैं।

 

03/09/2024 से 25/09/2024 तक का अनुभव 

जब मै पहली बार ऑफिस पहुची, तो माहौल बहुत अच्छा लगा। यहाँ काम करने के दौरान मैंने बहुत कुछ सिखा। सबसे पहले, मुझे चाइल्ड प्रोफाइल भरना सिखाया गया। इसे करने में शुरुआत में कठिनाई आई, लेकिन जल्दी ही सब ठीक हो गया। इसके बाद, स्कूल जा कर बच्चो को असर टेस्ट लेना भी सिखा। इसके साथ ही, मुझे टाउन हॉल के बारे में भी जानने का मौका मिला, जहाँ हर दिन के अनुभव और चर्चाओं को साझा किया जाता है। टाउन हॉल में भाग लेना एक रोमांचक अनुभव रहा। मैंने यहाँ प्रेजेंटेशन बनाने, रिव्यु के तरीकों और असर अपडेट करने के बारे में सिखा। इसके अलावा मुझे MIS (मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम) के बारे में जानकारी मिली और समझ में आया की यह कम किस तरह से होता है। सबसे खास बात यह है की मुझे बड्डी टॉक के बारे में जानकारी मिली। श्रवण भईया ने हमें बड्डी टॉक कैसे किया जाता है, उसके बाद सुष्मिता दीदी के साथ बड्डी टॉक किया। शुरुआत में थोड़ी चुनौती आई, लेकिन धीरे धीरे मै इसे करने में सक्षम हो गई हूँ। श्रवन भईया और कैफ़ी भईया हमें नियमित रूप से बड्डी टॉक के सेशन दे कर हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं। मैंने कैलेंडर बनाना, और अन्य छोटी-छोटी चीजों को भी सिखा। जब की किसी काम में कोई दिक्कत आती है, तो सभी दीदी और भईया हमेशा मुझे समझाने और मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। 


यह सफ़र मेरे लिए न केवल सिखने का अनुभव रहा, बल्कि आत्मविश्वास बढ़ाने का भी सफ़र रहा। “बड्डी” में काम करते हुए मुझे यह महसूस हुआ की सिखने की कोई सीमा नहीं है और सही मार्गदर्शन से हम हर कठिनाई को पार कर सकते है।


अंजना वर्मा 

बड्डी , गया


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