प्राइवेट स्कूल और सरकारी स्कूल में नामांकन की समस्या

आज मैं 3 school में और गांव में गई थी तो उसी को अनुभव साझा कर रही हूं।

सबसे पहले मैं आज महापुर गांव में गई थी और आज मैं सीमा दीदी को स्पोर्ट में लिए थे। क्युकी यहां पर दो ऐसी लड़की है जो एक  दम भी नही सुन रही थी।यह pr जाते थे तो कभी जंगल तो कभी दीदी  घर,तो कभी छुप जाती हैं।इस तरह से एनलॉग के लिए presan होते थे । अपलॉग school क्यू नही जाते है तो unlog बोलती है कि hm। N पढ़ेंगे तो उसको मम्मी से भी बोले तो बोल रही है की hm bolte है दीदी लेकिन नही सुनती है तो hm kya कर सकते है। यह pr अब आते आते थक चुके थे।

 


आज hm और सीमा di गए तो unlog nahi मिली घर में गए तो एक काजल कुमारी के भाभी से बात किए तो वो बोली की दीदी नही है तो हम बोले की कहा गई है तो बोली की sb धान रोपने मगह दूसरे जगह चल गई है तो kb abegi bol rhi hai ki 8 दिन बाद अबेगी तो हमलोग बोले की दीदी उसको पढ़ने के लिए क्यू नही भेजते है तो उसकी भाभी बोली की हम बोलते है दीदी लेकिन नही सुनती है तो hm kya कर सकते है और हमको से लड़ने लगती है मुंह लगाने लगती हैं तो hm nahi बोलते है। 

इस प्रकार से एक और के घर गए तो उनकी मम्मी से मिले तो उनसे बात की दीदी आप बच्चे को पढ़ने क्यू नही भेजते है तो वह बोले कि दीदी  प्राइवेट में पढ़ने जाती है। Humlog bole की ठीक है आप इसको प्राइवेट स्कूल में भेजते है लेकिन सरकारी स्कूल में भी सप्ताह में कम से कम 2दिन भी तो भेज सकते है।बताइए ना अभी तो इसका नाम कट गया होगा नही पढ़ने जा रही है तो। बिना सरकारी के कुछ होता नहीं है । इसलिए सरकारी स्कूल में नाम रहना जरूरी है । इस तरह से सीमा दीदी समझाए और हमलोग ये भी बोले की उसका आधार कार्ड बना हुआ है तो वो बोले की बनाने के लिए दिए थे बन गया h लेकिन गलती बन गया है से अब उसको सुधरबाना पड़ेगा। अभी चलिए आधार कार्ड लेकर उसको name चढ़ावा देंगे।तो बो बोली की अभी तो टाइम नही है hm bole ki चलिए भईया।


फिर हमलोग वाहा से m.s वृंदावन स्कूल में गए तो वहा पर प्रिंसिपल सर से बात किए तो बोले की बताइए अपलोग को क्या काम h हमलोग बोले की रिटेंशन करना है सर बच्चा को अटेंडेंस देखना है। बोले की नाम बताइए फिर नाम बताए तो से बोले की ये तो पराइवेट में पढ़ने जाती है । हम इसको नाम काट दिए है।Ye प्राइवेट स्कूल में जाती है पढ़ने और यहां पर हम लोग कितना पकड़के के चले और अपलोग हैं की k इसको नाम चढ़ा दिजिए। नाम कैसे chdhabe ये तो प्राइवेट में पढ़ने जाती है


फिर हमलोग बोले की kl se डेली पढ़ने आयेगी सर नाम चढ़ा दिजिए। सर बोले की नाम कैसे चढ़ा दे । पहले उसको अभिभावक को बुलाइए फिर हमलोग ने फोन करके बुलाए तो ओ भी बहुत लेट से आए ।फिर सर बोले कि आपका बच्चा कहा जाता है पढ़ने तो बो बोले की paraivet में सर हमलोग के बोल रहे है की देख लिए इनका बच्चा कहा जा रहा h padhne और अपलोग इनको बच्चा के लिए presan ho rhe hai । दीदी बोली की सर kl se ye डेली पढ़ने के लिए भेजेंगे सर ap नाम चढ़ा दिजिए । लेकिन सर नही माने  बोले की पहले हम इसको 2महीना लगातार पढ़ने आबेगी तब इसको नाम चढ़ाए।जहा तक के उपस्थिति रजिस्टर दिखाने से इनकार कर दिए जब बच्चा का नाम कट ही दिए है तो उपस्थिति रजिस्टर में क्या देखिएगा कम से कम वहा pr 2 घंटा तक बैठे रहे और रिक्वेस्ट भी किए लेकिन नही माने बच्चा के अभिभावक थे ओ भी बोले की sr kl se hm भेजेंगे पढ़ने के लिए उसको से भी नही माने बहुत कहने pr भी नही माने ।  फिर हमलोग ने ओह

pr 2 बच्चा का रिटेंशन किए ।



इसके बाद p.s महापुर स्कूल में 2बच्चा का रिटेंशन हुआ।

उसके बाद सांवला में गए तो वहा pr bhi एक बच्चा का रिटेंशन करना था जो की hm जाते थे उसको पास डेली पढ़ने जाने के लिए लेकिन सुनती नही थी। उसको मम्मी बोलती थी की कॉपी n hai to बहाना बना देती थी फिर मैडम को लेकर गए तो मैडम का घर वही था तो बोली की इसी के लिए अपलोग इतना presan हो रहे है ।  हमलोग बोले की हमको क्या पता मैडम की ये पागल है इसको पास आते थे तो छुप जाती थी। मैडम बोली की ये तो पागल है ये नही जायेगी पढ़ने अपलोग झूठ के presan हो रहे है। ये दिव्यांक है माइंड से ।फिर m.s Sawkala में एक बच्चा का रिटेंशन किए।

 

अंजना वर्मा 

मत्री प्रोजेक्ट 

 गया


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