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Showing posts from October, 2024

“शिक्षा का महत्त्व”

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  जो शिक्षा भूले -भटके उनको हम राह दिखाएंगे। ज्ञान- विज्ञान के संस्कारों से शिक्षा का प्रकाश फैलाएंगे। शिक्षित हैं हम ज्ञान की ज्योति सब के मन में जलाएंगे।  ऊंच - नीच और जात-पात का भी हम भेद मिटाएंगे। समानता का संगीत रचेंगे ज्ञान का अलख जगायेंगे। शिक्षित हैं हम ज्ञान की ज्योति सबके मन में जलाएंगे।  भूल गए जो अंधियारों में वहां उजाला लाएंगे। शिक्षित हैं हम ज्ञान की ज्योति सब के मन में जलाएंगे। खेल-खेल में पढ़ना सीखा ढंग नए अपनाएंगे। चहक उठेगा सबका जीवन सब बच्चे मुस्काएगे। शिक्षित हैं हम  ज्ञान की ज्योति सबके मन में जलाएंगे। शिक्षा की महिमा निश दिन गाए हर दिन उनका नमन करें। जीवन में उजियाली भरकर अंधियारों कों दूर करे।  सत्य मार्ग पर चलते रहना शिक्षा हमें सिखाती है। धरती पर वृक्ष लगने को हमें पर्यावरण सिखाती है। पानी अमृत है धरती का हर दिन इसका सिंचाई करें।  सिर्फ जीये न अपने खातिर दूसरों को हम भलाई करें। सब बच्चों को ज्ञान सीखाना यह संकल्प हमारा है। अपना जीवन सफल बनाए शिक्षा का ज्ञान हमारा है। शिक्षा की महिमा निश दिन गाए हर दिन उनका नमन करें। जीवन में उजियाली...

बड्डी में मेरा सफ़र

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मै अंजना वर्मा, गया जिला से हूँ। आज मै आप सभी के साथ अपने जीवन का एक अनमोल अनुभव साझा करना चाहती हूँ, जो मेरे लिए बहुत ही खास है। मै 2020 से 2022 तक एडू लीडर के फेल्लोशिप कर चूका हुआ, उसके बाद मै मत्री प्रोजेक्ट में काम कर रही थी। जब वह प्रोजेक्ट समाप्त हुआ, मै घर पे ही रहती थी । 02/09/2024  मुझे श्रृंखला दीदी का फोन आया । उन्होंने बताया की मै “बड्डी” के लिए चुन ली गई हूँ और 03/09/2024 से मुझे ऑफिस आना है। यह सुन कर मै बेहद खुश हुई। मुझे लगा की चार साल बाद मुझे “बड्डी” में काम करने का सुनहरा अवसर मिला हैं।   03/09/2024 से 25/09/2024 तक का अनुभव  जब मै पहली बार ऑफिस पहुची, तो माहौल बहुत अच्छा लगा। यहाँ काम करने के दौरान मैंने बहुत कुछ सिखा। सबसे पहले, मुझे चाइल्ड प्रोफाइल भरना सिखाया गया। इसे करने में शुरुआत में कठिनाई आई, लेकिन जल्दी ही सब ठीक हो गया। इसके बाद, स्कूल जा कर बच्चो को असर टेस्ट लेना भी सिखा। इसके साथ ही, मुझे टाउन हॉल के बारे में भी जानने का मौका मिला, जहाँ हर दिन के अनुभव और चर्चाओं को साझा किया जाता है। टाउन हॉल में भाग लेना एक रोमांचक अनुभव रहा। मैंने य...

प्राइवेट स्कूल और सरकारी स्कूल में नामांकन की समस्या

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आज मैं 3 school में और गांव में गई थी तो उसी को अनुभव साझा कर रही हूं। सबसे पहले मैं आज महापुर गांव में गई थी और आज मैं सीमा दीदी को स्पोर्ट में लिए थे। क्युकी यहां पर दो ऐसी लड़की है जो एक  दम भी नही सुन रही थी।यह pr जाते थे तो कभी जंगल तो कभी दीदी  घर,तो कभी छुप जाती हैं।इस तरह से एनलॉग के लिए presan होते थे । अपलॉग school क्यू नही जाते है तो unlog बोलती है कि hm। N पढ़ेंगे तो उसको मम्मी से भी बोले तो बोल रही है की hm bolte है दीदी लेकिन नही सुनती है तो hm kya कर सकते है। यह pr अब आते आते थक चुके थे।   आज hm और सीमा di गए तो unlog nahi मिली घर में गए तो एक काजल कुमारी के भाभी से बात किए तो वो बोली की दीदी नही है तो हम बोले की कहा गई है तो बोली की sb धान रोपने मगह दूसरे जगह चल गई है तो kb abegi bol rhi hai ki 8 दिन बाद अबेगी तो हमलोग बोले की दीदी उसको पढ़ने के लिए क्यू नही भेजते है तो उसकी भाभी बोली की हम बोलते है दीदी लेकिन नही सुनती है तो hm kya कर सकते है और हमको से लड़ने लगती है मुंह लगाने लगती हैं तो hm nahi बोलते है।  इस प्रकार से एक और के घर गए तो उनकी मम्मी ...