बच्चो में ख़ुशी की लहर
i-saksham
friday, march 29, 2024
बच्चो में ख़ुशी की लहर
जब मै विद्यालय गयी ,तो बच्चे बहोत खुश नज़र आ रहे थे । कारण आप तस्वीर मे देख सकते है ।
यह तस्वीर मध्य विद्यालय हरिहरपुर , आमस (गया) की है ।
हमारे विद्यालय मे एक टूटा हुआ बहुत हि पुराना जर्ज़र भवन था।जिसे कई सालो से हमारे स्कूल के प्रधानाध्यापक तोड़ना चाहते थे ,क्यूंकि यह भवन विद्यालय के बीचो बिच था जिस कारण बच्चो को खेलने के लिए पर्याप्त जगह नही मिल पाता ,जगह कम होने के कारण स्कूल मे कोई कार्यक्रम भी नही हो पाता ।
लेकिन मुझे इसका आभास तब हुआ जब मैने मेरे स्कूल मे बाल उत्सव के लिए कहा ,तो मुझे जबाब आया की आपके स्कूल मे जगह हि नहीं है बाल उत्सव नहीं हो पायेगा। मै बहोत मायुश हो गयी , क्युकी मै चाहती थी की मेरे स्कूल मे भी बाल उत्सव हो ।
इस विषय मे जब मैने हमारे प्रिंसिपल से बात की , मैने उनसे पूछा की जब इस बिल्डिंग मे कोई कार्य हि नही होता टूटा होने के कारण बच्चे भी इसमे नही पढ़ते तो ऐसे पुरी तरह से तोड़ क्यू नही देती ।तो उन्होंने जबाब दिया की बिना D.M के आदेश के हम एक ईट भी नही हटा सकते।इस विषय मे मैने 4-5 बार लेटर लिखा है D.M को लेकिन कोई जबाब नही आया।
लेकिन अंततः अब हमारे प्रधानाद्यापीका ने D.M से आदेश ले लिया है उस भवन को गिरवाने का और काम शुरु भी हो गया है। मैने सुना था की 'जब कुछ नया होता है ,कुछ नया बनता है तो हम खुश होते है लेकिन आज उसके विपरीत कुछ टूट रहा है तो हमसब को खुशी हो रही है ।'
कारण स्पष्ट है, बच्चे खुश है क्युकी अब उन्हे खेलने के लिए एक बड़ा सा मैदान मिलने वाला है ,प्रिंसिपल और शिक्षक इसलिए खुश है की बहोत प्रयास करने के बाद अंतत उन्हे आदेश मिल गया बिल्डिंग गिराने की और वो इसलिए भी खुश है क्यूंकि अब स्कूल मे कोई भी कार्यक्रम के लिए एक पर्याप्त जगह मिल गया । और मै इसलिए खुश हु क्यूंकि अब हमारे स्कूल मे भी बाल उत्सव हो पायेगा।☺️
मुस्कान कुमारी
B-9 (गया)

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