सबित खुद में लाई बदलाव

 

सबित खुद में लाई बदलाव

  Friday ,8 march 2024                                           

 साबित voice and choice  for every woman को ले कर आवाज उठाये 

जैसे की इन 8 महीनों मे हम अपना  voice and choice को रखते आ रहे है

सबसे पहले साबित  अपना voice को  घर से शुरुआत किये  एक दिन ऑफिस  मे सेशन  में जाना  था तो घर वाले   बोल रहे थे की मत जाओ तो मै अपना अबाज उठाई और  बोली की आज मेरा सेशन है सेशन मे जाना जरूरी होता है और मेरा choice था की हम ऑफिस में  सेशन करने जाये उसके बाद मै घर वालो बोल कर सेशन के लिए चले गये ऑफिस  

 जब भी मैं कम्युनिटी विजिट में जाते तो यह लगत था कि मैं पेरेंट्स से कैसे बात करूंगी मुझे थोड़ा काफी डर लगता था जब मैं कम्युनिटी  विजिट करने जाने लगे तो हमें यह लगा कि जाना बहुत जरूरी है और बच्चे के बारे में बोलना काफी जरूरी है क्योंकि बच्चे पढ़ने के समग्रिअपने साथ नहीं लाते हैं उनको पढ़ने में बहुत ही काफी दिक्कत आती है । मेरा वॉइस था कि मैं पेरेंट्स से मिलने जाऊं और यह चॉइस था कि मैं बच्चों के बारे में उनकों  जानकारी दु।


 मेरे क्लास में चार वैसे  बच्चे हैं जो कभी स्कूल नहीं आते थे लेकिन अब मैं कम्युनिटी विजिट में जाने लगी तो उनके पैरेंट्स से मिलेते है और  उनसे बात  किये  क्यों नहीं आते हैं आप सभी लोग स्कूल में तो दो पेरेंट्स से  मिले और बात किये।  दो बच्चे मेरे स्कूल में आने लगे पर दो पेरेंट्स से मैं नहीं मिल पाई उनके घर ताला लगा हुआ था इसके वजह से मैं मिल नहीं पाई और वह बच्चे आ नहीं रहे फिर से मैं एक बार गई थी तो वह पेरेंट्स से नहीं मिल पाए लेकिन बच्चो से और पूछे आपलोग का मम्मी कहा बच्चे बोले काम करने गई है।  बच्चे स्कूल तो आना चाहते हैं लेकिन  पेरेंट्स है जो भेजना नहीं चाहते हैं बस अपना काम करने बाहर चले जाते हैं  बच्चे पर अपना घर छोड़कर बोलते तुम घर पे रहना  मैं काम करके शाम को चली  आऊंगी|

 

(4)   मैं स्कूल में पहुंचती थी तो कुछ भी नहीं रखा हुआ रहता था नहीं चौक डस्टर कुछ से कुछ भी नहीं तो मैं ऑफिस में जाती थी तो मैं यह सामग्री लेकर आते थे बच्चे लोग का पढ़ने के लिए क्योंकि कोई भी बच्चा लीड नहीं लेता था क्योंकि ऑफिस में बच्चे जाते थे लाने के लिए पर प्रिंसिपल मैम जो थे वह उन लोग को नहीं देते थे बच्चो को बोलते थे की   दीदी आएगी तो दीदी लेकर जाएगी तुम जाओ अपना क्लास में और जाकर बैठो तो  मैं प्रिंसिपल मैम  से बात की और बोले कि बच्चों को खुद से लीड लेने का भी हक है यह खुद जाकर ऑफिस में सामान लेकर जा सकते हैं क्या मैम   तो  मेरी बात को समझें और बच्चे को ऑफिस में आने देते हैं और मेरे यह चॉइस था कि बच्चे खुद से लिड ले और   मेरा वॉइस था कि मैं आवाज उठाई बच्चों के लिए।


  साबित कुमारी

  08/04/2024

   Batch 9 

    गया 





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