अशिक्षित को शिक्षा दो, अज्ञानी को ज्ञान, शिक्षा से ही बन सकता है, मेरा भारत देश महान

 

अशिक्षित को शिक्षा दो, अज्ञानी को ज्ञान, शिक्षा से ही बन सकता हैं, मेरा भारत देश महान...  

March 16 2024 

              

  चिलमी में बच्चों के पैरेंट्स से बच्चों को नामांकन के लिए तैयार करवाना था , जिसमें और बच्चे का नामांकन है और छोटे बच्चे हैं, और दो बच्चे तैयार है जिसमें एक बच्चे का आधार कार्ड नहीं है, जिसके कारन मुखिया जी के घर भी गए थे बच्चे का आधार कार्ड बनवाने के लिए लेकिन मुखिया जी घर पर नहीं मिले। इसके बाद मुझे आगे और मोरैनिया भी जाना था बच्चे को नामांकन के लिए तैयार करने के लिए वहा पांच बच्चे को तैयार करवाईं। और फिर मोरैनिया विघालय में गई और नामांकन के लिए शिक्षक से बात चीत किये तो शिक्षक बोले कि कोई दिक्कत नहीं नामांकन हो जाएगा। इसपर मुझे बहुत खुशी हुई। चलिए हमारे भावनाओं को समझने वाले कोई भी तो ऐसे इंसान हैं जो कि हमारे मेहनत कों देखकर उनके मन में स्वयं विचार विमर्श हुआ कि इन्होंने इतना मेहनत कर घर - घर में जाकर अनामांकित  बच्चे को शिक्षा प्रदान करने के लिए विघालय से ही जोड़ रहे हैं तो इनके लिए इतना महान पुण्य का काम और क्या हो सकता है। और बोले अच्छी विचार है सभी बच्चे पढ़ें और अपने जीवन में आने बढ़े ।  इसपर मुझे बहुत खुशी हुई और मैं सर जी को बहुत - बहुत धन्यवाद बोलीं। इस प्रकार आज का अनुभव मेरा है। और मैं हमेशा यही सोच रखतीं हूं कि हमारे समाज सेवा और सराहनीय कार्य से हर घर,हर गांव,हर समाज के सभी बच्चे शिक्षा ग्रहण कर एक अच्छा नागरिक बनकर उभरे। जिसे मुझे जीवन में खुशियां मिलेंगी और हमारे उद्देश्य भी पुरा होंगे। क्यों कि मैं अपने जीवन में आज तक जो कार्य किए।

बिल्कुल जिम्मेदारी और इमानदारी के साथ किये।

आगे भी मैं जो कार्य करूंगी वह भी बिल्कुल जिम्मेदारी और इमानदारी के साथ ही करूंगी। 

तभी मुझे अपने काम को लेकर गर्व  होगी ।और मैं खुश भी रहुंगी। क्योंकि - समाज में सबसे बहुमूल्य चीज यदि कोई है तो वो है "ज्ञान",मानव के मूलभूत अधिकारों में ज्ञान की प्राप्ति प्राथमिकतामें होना चाहिए। हर व्यक्ति का पहला सपना शिक्षित व्यक्तिगतबनने का होना चाहिए क्योंकि शिक्षित व्यक्ति ही समाज में परिवर्तन ला सकता है।


इसीलिए कहा गया है-

संग बड़े बचपन के साथी,

कौन कहा कल आएगा।

स्कूल में जो संग बिताया,

वक्त बहुत याद आएगा ।

इसके साथ ही मैं अपने अनुभव को समाप्त करतीं हूं।

आज के लिए बस इतना ही।

आप सभी के साथ साझा करने


सीमा कुमारी

(मत्री प्रोजेक्ट)

गया




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